किसान समृद्धि योजना
पर्यावरण असंतुलन तथा जलवायु में जीवाश्म ईंधनों के योगदान के अवांछित प्रभाव को देखते हुए, वैश्विक स्तर पर, जीवाश्म ईंधन के स्थान पर उर्जा के नवीकरणीय वैकल्पिक स्रोतों का उपयोग बढ़ रहा है। भारत, वर्ष 2030 तक गैर जीवाश्म ईंधन स्रोतों से बिजली उत्पादन की स्थापित क्षमता की हिस्सेदारी को 40 प्रतिशत तक करने के लिये प्रतिबद्ध है। झारखण्ड सरकार भी राष्ट्रीय प्राथमिकता में अपनी भूमिका निभाते हुए जीवाश्म ईंधन के स्थान पर सौर उर्जा जैसे नवीकरणीय उर्जा स्रोतों को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। ‘किसान समृद्धि योजना’ झारखण्ड सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है जो कृषि में सिंचाई के लिए उपयोग में लाये जा रहे जीवाश्म ईंधन आधारित उर्जा स्रोत के स्थान पर सौर उर्जा चालित सिंचाई इकाईयों की स्थापना देकर कृषि उत्पादन लागत को कम करके झारखण्ड को कृषि प्रतिस्पर्धी बनायेगी तथा किसानों की आमदनी को बढ़ाने में मदद करेगी।
योजना की मुख्य विशेषताएँ
- यह योजना राज्य के सभी 24 जिलों में चलाई जायेगी।
- यह सभी तरह के जल स्रोतों (कुआँ, नदी, झरना, तालाब, चेक डैम इत्यादि) से जल उठाव में उपयोगी है।
- इस योजना के अन्तर्गत दो तरह की सिंचाई इकाईयों की स्थापना/वितरण का प्रावधान है।
- 5HP सतही सौर ऊर्जा आधारित पम्पसेट उद्वह सिंचाई इकाई।
- 2HP सतही सौर ऊर्जा आधारित पम्पसेट चलंत सिंचाई इकाई।
- योजना में सरकार निर्धारित न्यूनतम दर पर 90 प्रतिशत तक अनुदान देगी एवं 10 प्रतिशत अंशदान लाभुकों द्वारा दिया जायेगा।
- योजना अन्तर्गत लाभुकों का चयन Online आवेदन प्रक्रिया के आधार पर किया जाएगा।
- इस योजना के तहत व्यक्तिगत लाभुकों को केवल एक बार ही अनुदान का लाभ दिया जायेगा। समूह की स्थिति में समूह के सभी सदस्यों को कम से कम 5 वर्ष तक इस योजना का लाभ नहीं दिया जायेगा।
किसान समृद्धि योजना के अन्तर्गत सौर ऊर्जा आधारित पम्प सेट इकाई की मुख्य विषेशताएँ
- 5 HP सतही सौर उर्जा पम्पसेट आधारित उद्वह सिंचाई इकाई
इसके अन्तर्गत नदी, नाले, तालाब, चेकडैम, बडे़ कुएँ जैसे जलस्रोत जहाँ प्रायः सालों भर पर्याप्त मात्रा में सिंचाई जल उपलब्ध रहता है, पर 5 HP क्षमता के सौर उर्जा चालित सतही पम्पसेट आधारित छोटे उद्वह सिंचाई इकाई स्थापित किये जायेंगे जिनकी सिंचाई क्षमता लगभग 05 एकड़ होगी, इस उद्वह सिंचाई इकाईयों की स्थापना एकल/ सामूहिक इकाई के रूप में की जाएगी।
- 2 HP सतही सौर उर्जा पम्पसेट आधारित चलंत सिंचाई इकाई
इसके अन्तर्गत नदी, नाले, तालाब, चेक डैम, कूप जैसे जलस्रोत जहाँ सालोभर पर्याप्त मात्रा में जल उपलब्ध रहता है, पर 2 HP क्षमता के सौर उर्जा चालित सतही पम्पसेट आधारित चलंत सिंचाई इकाई किसानों को प्रदान किये जायेगें जिनकी सिंचाई क्षमता लगभग 01 एकड़ होगी। इस प्रकार की सिंचाई इकाईयाँ ट्राली के उपर अवस्थित होंगी और जो किसानों को व्यक्तिगत स्तर पर उपयोग के लिये प्रदान की जाएंगी।
किसान समृद्धि योजना से लाभ:
- सौर ऊर्जा से चलने के कारण बिजली की आवश्यकता नहीं पड़ती है, जिससे विद्युत ऊर्जा में बचत।
- सौर ऊर्जा से चलने के कारण इसे किसी भी मौसम में सिंचाई का प्रयोग कर खेती की जा सकती है।
- 2HP सतही सौर ऊर्जा पम्पसेट आधारित चलंत सिंचाई ईकाई को किसी भी स्थान पर असानी से लेकर जाया जा सकता है।
- इसके रख-रखाव पर खर्च कम।
किसान/आवेदक की पात्रता एवं आवेदन की प्रक्रिया
- कृषक समूह/स्वयं सहायता समूह /FPO/FPC/Co-operatives.वचमतंजपअमे की ओर से समूह/संस्था के अध्यक्ष/सक्षम पदाधिकारी आवेदन कर सकते हैं।
- आवेदक किसान/अध्यक्ष/सक्षम पदाधिकारी का आधार एवं राशन कार्ड का e-KYC होगा।
- आवेदन में FPO/FPC/LAMPS/PACS के User Group लाभुकों की विवरणी देनी होगी।
- किसान/समूह/संस्था यह सुनिश्चित करेंगे कि आवेदकों की भूमि जल स्रोत के पास में ही हो, अन्यथा भूमि निरीक्षण के दौरान आवेदन सही नहीं पाये जाने पर आवेदन निरस्त किया जा सकता है।
पात्रता
- कृषक समूह/स्वयं सहायता समूह /FPO/FPC/Co-operatives. PACS की ओर से समूह/संस्था के अध्यक्ष/सक्षम पदाधिकारी आवेदन कर सकते हैं।
- कृषक समूह/महिला स्वयं सहायता समूह (JSLPS पंजीकृत) /FPO/FPC/LAMPS/PACS का पंजीकृत कार्यालय झारखण्ड राज्य में होना चाहिए।
- किसान/सदस्य/शेयर होल्डर की आयु 18 वर्ष से अधिक होनी चाहिए।
- किसान/सदस्य/शेयर होल्डर के पास वैध आधार नम्बर होना चाहिए।
- एक परिवार से एक ही सदस्य पात्र होंगे।
- किसान/परिवार/समूह के सदस्य के पास जल स्रोत एवं जमीन होने का प्रमाण होना चाहिए।
- आधार लिंक्ड मोबाईल नम्बर होना चाहिए।
- आधार लिंक्ड राशन कार्ड होना चाहिए।