UCC SERVICES (समान नागरिक संहिता उत्तराखंड)

UCC SERVICES (समान नागरिक संहिता उत्तराखंड)

उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (UCC) लागू होने के बाद, राज्य सरकार ने विवाह, तलाक, उत्तराधिकार, और लिव-इन रिलेशनशिप जैसे व्यक्तिगत मामलों के लिए एक समान कानूनी ढांचा स्थापित किया है। इससे सभी धर्मों और समुदायों के लिए समान नियम सुनिश्चित किए गए हैं।

मुख्य प्रावधान:

  1. समान नियम:
    • UCC लागू होने के बाद, विवाह, तलाक, उत्तराधिकार, और विरासत के नियम सभी धर्मों और समुदायों के लिए समान होंगे। इससे हलाला जैसी कुप्रथाओं का अंत होगा और महिलाओं को समान अधिकार सुनिश्चित किए जाएंगे। citeturn0search1
  2. विवाह और लिव-इन रिलेशनशिप का पंजीकरण:
    • विवाह और लिव-इन रिलेशनशिप का पंजीकरण अनिवार्य होगा।
    • बिना पंजीकरण के लिव-इन संबंध एक महीने से अधिक चलने पर तीन महीने की कैद या 10,000 रुपये जुर्माने का प्रावधान है।
    • विवाह पंजीकरण न होने पर 25,000 रुपये जुर्माना का प्रावधान किया गया है। citeturn0search1
  3. डिजिटल पोर्टल की व्यवस्था:
    • विवाह और लिव-इन संबंधों का पंजीकरण ऑनलाइन करने के लिए एक डिजिटल पोर्टल उपलब्ध कराया गया है।
    • बच्चों के जन्म प्रमाणपत्र सात दिनों के भीतर पोर्टल पर अपलोड करना होगा। citeturn0search1
  4. द्विविवाह और बहुविवाह पर प्रतिबंध:
    • UCC के तहत एक पत्नीत्व को सुनिश्चित किया गया है। विवाह के समय किसी व्यक्ति का अन्य जीवनसाथी जीवित नहीं हो सकता है। citeturn0search1
  5. उत्तराधिकार और विरासत:
    • वसीयतनामे में पारदर्शिता बढ़ाने के लिए आधार आधारित दस्तावेजीकरण और गवाहों की वीडियो रिकॉर्डिंग अनिवार्य किया गया है।
    • लड़कियों और लड़कों को उत्तराधिकार में समान अधिकार मिल गया है। citeturn0search1

महत्वपूर्ण जानकारी:

  • उत्तराखंड सरकार ने समान नागरिक संहिता नियमावली, उत्तराखण्ड, 2025 जारी की है, जो 27 जनवरी 2025 से प्रभावी है। citeturn0search0
  • इस नियमावली के तहत, विवाह और लिव-इन रिलेशनशिप का पंजीकरण अनिवार्य किया गया है।
  • विवाह पंजीकरण न होने पर 25,000 रुपये जुर्माना का प्रावधान किया गया है।

इस नियमावली के माध्यम से, उत्तराखंड सरकार ने राज्य में समानता और न्याय सुनिश्चित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया है।

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